Monday, July 26, 2010

तेरी यादें ......

तेरी यादें ...
लहू के एक एक कतरे की तरह ...
उखड़ती सी हर इक साँस के तरह ......
हर लम्हे , हर पल चीरती सी.....
तेरी यादें .....

साहिल से दूर एक मौज की तरह ...
हारी सी, थकी फ़ौज की तरह ...
बेकार सी, पर हर पल चीरती सी ..
तेरी यादें ......


दिल के अरमानों में टीस की तरह ...
पिछली गली में खोयी हुई अशर्फी सी.

तेरी यादें....

तेरी यादें......
आशाओं के जमघट सी,
भावनाओ के पनघट सी
तेरी यादें .......
जो असफल प्रेम की कहानी सी हैं ,
थोड़ी अल्हड, थोड़ी सयानी सी हैं
तेरी यादें.........
जिनसे होकर मेरे सारे अरमान झलकते हैं
जिनमे जाने से मेरे दिल के तार खनकते हैं,
तेरी यादें..........
एक कांटो भरे गुलाब सी,
सवाल सी, जवाब सी
तेरी यादें ..........

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